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प्राण प्रतिष्ठा है राष्ट्र उत्सव या BJP का इवेंट, राम मंदिर का लोकसभा चुनाव पर होगा क्या असर… जानें सर्वे में लोगों की राय

प्राण प्रतिष्ठा है राष्ट्र उत्सव या BJP का इवेंट, राम मंदिर का लोकसभा चुनाव पर होगा क्या असर... जानें सर्वे में लोगों की राय

ABP News CVoter Survey: अयोध्‍या में सोमवार (22 जनवरी) को होने वाले रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले पूरा देश में उत्साह का माहौल है. राम मंद‍िर उद्घाटन का आगामी लोकसभा चुनाव 2024 पर क‍ितना असर पड़ेगा? व‍िपक्ष को लेकर देशवासियों का क्‍या नजर‍िया है? राम मंद‍िर के न‍िर्माण में क‍िसका क‍ितना बड़ा योगदान है? इन सभी सवालों को लेकर देश की जनता का मूड भांपने की कोश‍िश की गई ज‍िसके ल‍िए एबीपी न्यूज के लिए सी-वोटर ने सर्वे क‍िया है. 

सी-वोटर ने एक त्वरित सर्वे किया है, जिसमें आठ अलग-अलग सवाल जनता से पूछे गए ज‍िनके म‍िले जवाब का यहां स‍िलस‍िलेवार तरीके से ज‍िक्र क‍िया जा रहा है. सभी सवालों पर जनता ने अपनी बेबाक राय रखी है, ज‍िसके बाद आंकड़े बेहद ही चौंकाने और हैरान करने वाले सामने आए हैं.   

सर्वे में सवाल पूछा गया कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बारे में आपकी क्या राय है? इस पर 43 फीसदी लोगों ने कहा कि यह राष्ट्र का उत्सव है. वहीं, सनातन धर्म का अनुष्ठान मानने वालों का आंकड़ा 27 फीसदी है. इसके साथ ही इस समारो को 23 फीसदी लोगों ने BJP-RSS का कार्यक्रम बताया है. मात्र 7 फीसदी लोगों ने इस पर कुछ नहीं कहा है.  

अधूरे मंदिर पर जनता ने द‍िया इस तरह से जवाब 

विपक्ष का आरोप है कि रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह अधूरे मंदिर में हो रहा है, इस आरोप से सहमत हैं? इस सवाल पर करीब-करीब सहमत‍ि और असहमत‍ि का मत प्रत‍िशत बराबर ही रहा है. ओप‍िन‍ियन पोल सर्वे में शाम‍िल लोगों में से 36 फीसदी ने आरोप पर सहमत‍ि जताई तो 35 फीसदी सहमत नहीं हैं. इस आरोप पर 21 फीसदी का कहना है क‍ि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. वहीं, 8 फीसदी ने इस पर कुछ नहीं कहा है.  

विपक्षी नेताओं ने राम मंदिर कार्यक्रम में शामिल न होकर की गलती?

विपक्षी नेताओं ने राम मंदिर कार्यक्रम में शामिल न होकर गलती की है? इस सवाल पर 54 फीसदी जनता ने कहा कि विपक्षी नेताओं ने राम मंदिर कार्यक्रम में शामिल न होकर गलती की है. इसके बाद 22 फीसदी ऐसे लोग हैं ज‍िनका कहना है क‍ि व‍िपक्षी नेताओं ने ऐसा करके गलती नहीं की है. हैरान करने वाली बात यह है क‍ि इस बारे में कुछ नहीं कहने वालों का मत गलती नहीं करने वालों के मत से ज्‍यादा 24 फीसदी र‍िकॉर्ड क‍िया गया है. 

इतने फीसदी लोगों ने बताया राम मंद‍िर बनेगा बड़ा चुनावी मुद्दा 

आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में राम मंद‍िर सबसे बड़ा मुद्दा बनेगा या नहीं? इस सवाल के जवाब में जनता का जबर्दस्‍त रेस्‍पांस म‍िला है ज‍िसमें 54 फीसदी का मनाना है क‍ि यह वाकई बड़ा मुद्दा बनेगा. वहीं, 30 फीसदी लोगों ने इसके बड़ा मुद्दा नहीं बनने की बात कही है. ओप‍िन‍ियन पोल सर्वे का ह‍िस्‍सा बने लोगों में से 16 फीसदी ने इस पर अपनी कोई राय नहीं दी है.  

बीजेपी को होगा प्राण प्रतिष्ठा का बड़ा फायदा?

लोकसभा चुनाव 2024 में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से BJP को भारी फायदा होगा या नहीं? इस सवाल के जवाब में 51 फीसदी लोगों का कहना है क‍ि न‍िश्‍च‍ित तौर पर बीजेपी को इसका बड़ा फायदा होगा. वहीं, 33 फीसदी लोगों का मानना है क‍ि लोकसभा चुनाव में इसका कोई फायदा बीजेपी को नहीं होगा. इसके अलावा 16 फीसदी लोगों ने इस पर कोई मत नहीं द‍िया है.  

सुप्रीम कोर्ट व मोदी सरकार को द‍िया सबसे ज्‍यादा श्रेय 

राम मंद‍िर के न‍िर्माण में क‍िसका क‍ितना बड़ा योगदान? इसको लेकर भी जनता से सवाल पूछा गया. इस पर भी लोगों ने अपनी बेबाकी से राय जाह‍िर की है. इसमें सबसे बड़ा योगदान 37 फीसदी सुप्रीम कोर्ट का बताया गया है. इसके बाद दूसरे नंबर पर नरेंद्र मोदी सरकार का 34 फीसदी योगदान बताया है. वहीं, 8 फीसदी ने आरएसएस व वीएचपी और 3 फीसदी राजीव गांधी सरकार का योगदान बताया है. इसके अलावा नरसिम्हा राव सरकार और कल्याण सिंह सरकार को भी लोगों ने 1-1 फीसदी का श्रेय द‍िया है. इसमें राम भक्त कारसेवकों को भी 6 फीसदी योगदान की श्रेणी में रखा है. वहीं, 10 फीसदी लोगों ने कुछ नहीं कहा है.  

धर्मनिरपेक्ष छवि पर नहीं पड़ेगा नकारात्मक असर

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में सरकारी प्रतिनिधियों की भागीदारी से भारत की धर्मनिरपेक्ष छवि पर नकारात्मक असर होगा? इस सवाल पर 58 फीसदी लोगों का मत है क‍ि इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा. वहीं, 24 फीसदी जनता का ही मानना है क‍ि इसका धर्मनिरपेक्ष छवि पर नकारात्मक असर पड़ेगा. इतना ही नहीं इस सवाल पर 18 फीसदी लोगों ने कुछ भी नहीं कहा है.  

बड़ी संख्‍या में लोगों ने शंकराचार्यों के व‍िरोध को बताया गलत  

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती और शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती का अधूरे मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का विरोध सही? इस पर 52 फीसदी लोगों ने कहा क‍ि विरोध सही नहीं है. वहीं, 24 फीसदी लोगों ने विरोध सही बताया है. वहीं, इतने फीसदी लोगों ने इस पर कोई राय नहीं दी है.  

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