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ज्ञानवापी में 31 साल बाद जले आस्था के दीपक: जब नहीं थी कोर्ट की इजाजत तब घर बैठे किस महापंडित ने कर दिया था भोलेनाथ का रुद्राभिषेक

वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर (Gyanvapi Case) में व्यास जी के तहखाने में बुधवार (31 जनवरी) को 31 साल बाद दीप जलाया गया. वाराणसी की जिला एवं सत्र अदालत ने कल ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास तहखाने में पूजा करने की अनुमति दी थी, रात 2 बजे के बाद व्यास तहखाने में दीप जलाया गया और पूजा-अर्चना की गई. कोर्ट के फैसले से हिंदू पक्ष में खुशी का माहौल है. 

कोर्ट के फैसले के बाद प्रशासन की देर रात मीटिंग चलती रही. कोर्ट के आदेश का अनुपालन करते हुए प्रशासन ने 11 घंटे बाद ही व्यास तहखाने को खोला और पूजा-अर्चना की गई. इसकी जानकारी खुद वाराणसी के जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने दी. उन्हें कोर्ट के ऑर्डर पर व्यास जी के तहखाने का रिसीवर बनाया गया है. कोर्ट के फैसले को लेकर हिंदू पक्ष में काफी खुशी का माहौल है. आइए जानते हैं इस पर उनका क्या कहना है-

पंडित ने बताया कैसे होगी व्यास तहखाने में पूजा
माधव दत्त पांडेय ने सुबह ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में पूजा करने से पहले कहा कि यह हर हिंदू के लिए गर्व का विषय है, हर सनातनी के लिए यह सुप्रभात धर्म सुप्रभात है. हम सांस्कृतिक इतिहास और धर्म के व्रतांत में काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर उस पृष्ठ को काला समझते थे, लेकिन कल की संध्या में कोर्ट ने इतना सुंदर लिखावट लिखा है कि आज के प्रभाव ने उस लिखावट को स्वर्णाक्षर में बदल दिया है. माधव दत्त पांडेय ने कहा कि आज वह स्वरोच्चार में पूजन करेंगे जैसे पहले करते आ रहे थे. हमारी भारत सरकार प्रशंसनीय है. ऐसी ही सरकार होनी चाहिए.  अभी तक अंदर जाने नहीं दिया गया था इसलिए हमने घर पर ही बाबा विश्वनाथ को मानकर रुद्राभिषेक किया था.

उन्होंने कहा, ‘आज की पूजा में पहले पंचामृत से स्नान कराएंगे फिर भगवान को वस्त्र पहनाएंगे, तिलक करेंगे, पुष्प माला देंगे, धूप-दीप जलाएंगे, नैवेद्य चढ़ाएंगे, प्रार्थना करेंगे और जोरदार आरती भी होगी. लागातार सुबह-शाम शास्त्रवत पूजा करेंगे और मध्याह्न में भगवान को भोग लगाएंगे. बाबा काशी विश्वनाथ की पूजा की जो प्रक्रिया है वही चलेगी और शयन आरती भी उसी प्रक्रिया से होगी. व्यास जी की जो परंपरा है, जो व्यास परिवार है वह बहुत सुंदर पूजा कराते आ रहे हैं और हमारी सरकार ने बहुत सुंदर मौका दिया हुआ है. हर हर महादेव.’ माधव दत्त पांडेय व्यास तहखाने में दिन में पूजा कराएंगे, काशी विश्वनाथ में भी यही पूजा कराते हैं. काशी विश्वनाथ में जिस प्रक्रिया से पूजा होती है उसी तरह से व्यास तहखाने में भी पूजा की जाएगी.

वादी लक्ष्मी देवी और उनके पति सोहन लाल आर्या भी दर्शन करने पहुंचे
ज्ञानवापी मामले में वादी लक्ष्मी देवी और उनके पति एवं हिंदू पक्षकार सोहन लाल आर्या भी गुरुवार को सुबह व्यास तहखाने में दर्शन करने पहुंचे. उन्होंने बताया कि अभी आम जनता को दर्शन और पूजा करने की अनुमित नहीं है. कोर्ट के फैसले पर सोहन लाल आर्या ने खुशी जताई और कहा कि यह हिंदू समाज के लिए गौरवशाली और बहुत बड़ा दिन है. हम 40 सालों से ज्ञानवापी के लिए संघर्ष कर रहे हैं. हम 1995 से वादी रहे हैं और एक-एक दिन सीढी हम कदम-कदम बढ़ रहे हैं. हम उस गौरवशाली दिन का इंतजार कर रहे हैं जब यहां भी अयोध्या की तरह भव्य मंदिर का निर्माण होगा. 

अभी लोगों को पूजा-अर्चना करने की अनुमति नहीं
सोहन लाल आर्या ने बताया कि उन्होंने बाबा के दर्शन किए, लेकिन अभी-भी व्यास जी के तहखाने की ओर एक दरवाजा है, जहां अभी भी दर्शन और पूजा करना बंद है. उन्होंने बताया कि विशाल नंदी के बगल से रास्ता दिया गया है. वहां बैरिकेडिंग काटकर पूरा दरवाजा है. हम लोग वहां गए थे, लेकिन वहां पुलिसकर्मियों ने कहा कि अभी पूजा-अर्चना करना बंद है. जैसे ही प्रशासन इजाजत देगा रास्ता खोल दिया जाएगा. वादी लक्ष्मी देवी ने भी कहा, ‘सभी सनातनियों के लिए यह बहुत बड़ा दिन है कि व्यास जी के तहखाने में दर्शन के लिए जिला अदालत से आदेश मिल गया है. हम दर्शन करने के लिए गए थे, लेकिन अभी इजाजत नहीं है. अभी रास्ता काटकर दरवाजा लगा दिया गया है. अभी प्रशासन को एक हफ्ते का समय दिया गया है. प्रशासन व्यवस्था करेगा और फिर उस हिसाब से जनता को दर्शन करने का अवसर मिलेगा.’

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