Sat. Apr 19th, 2025
'हम पूरी दुनिया से दोस्ती चाहते हैं लेकिन आंतरिक सुरक्षा से समझौता नहीं', बोले अमित शाह

Amit Shah On National Security: गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि भारत दुनियाभर से दोस्ताना रिश्ते चाहता है, लेकिन देश की सीमा और नागरिकों की सुरक्षा से हम कोई समझौता नहीं करेंगे. गृह मंत्री शाह ने कहा कि भारत दुनिया को समस्याओं का समाधान देने वाले देश के तौर पर सामने आया है, लेकिन आतंकवाद और इसकी फंडिंग करने वालों के खिलाफ भी एक साथ आने की जरूरत है. अच्छे आतंकवाद और बुरे आतंकवाद जैसा कुछ नहीं होता.

अमित शाह सोमवार (5 फरवरी) को ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन द्वारा आयोजित “सिक्योरिटी बियोंड टुमारो : फोर्जिंग इंडियाज रेसिलियंट फ्यूचर” कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने ‘ओआरएफ फॉरेन पॉलिसी सर्वे’ भी जारी किया.

हम अपने बॉर्डर का सम्मान चाहते हैं’
अमित शाह ने कहा कि विदेश नीति और सुरक्षा नीति के बीच किसी भी तरह की दूरी नहीं है. हम पूरी दुनिया के साथ अच्छे रिश्ते चाहते हैं, लेकिन इसके साथ ही हम अपने बॉर्डर का सम्मान चाहते हैं, अपने देश के नागरिकों की सुरक्षा के साथ कोई कोताही नहीं होगी.‌ हमारे लिए देश के नागरिक और देश की सीमा की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है. ऐसे में इन दोनों ही चीजों में किसी भी तरह की दुविधा नहीं होनी चाहिए.

2014 से पहले नहीं थी कोई सुरक्षा नीति’
अमित शाह ने कहा कि 2014 से पहले आंतरिक और बाहरी सुरक्षा को लेकर कोई नीति नहीं थी. हालांकि पिछले 10 सालों में बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार ने आंतरिक और बाहरी सुरक्षा के मूलभूत ढांचे को मजबूत करने का काम किया है. उन्होंने कहा कि पहले की (कांग्रेस) सरकारों में विदेश नीति के बोझ तले देश की सुरक्षा की नीति को नजरअंदाज किया गया, लेकिन अब हमारी विदेश नीति साफ है. हम पूरी दुनिया के साथ दोस्ती चाहते हैं. हमारी ये नीति स्पष्ट है, लेकिन अगर दोनों में से किसी एक का चुनाव करना हो तो हम अपनी सीमा और नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देंगे. इसमें कोई भ्रम की स्थिति नहीं है.

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार करेंगे सत्ता में वापसी’

इसके साथ ही गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि बीजेपी तीसरी बार सत्ता में वापसी करने जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश का चौतरफा विकास हो रहा है. भारत ने राजनीतिक स्थिरता हासिल कर ली है. शाह ने कहा कि भारत की विदेश नीति की तारीफ कई वजहों से होती है. भारत जी20 समिट में अलग-अलग थलग देशों को साथ लाने में सफल हुआ. सभी नेताओं ने एकमत होकर डिक्लेरेशन को स्वीकार किया.

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