Sun. Apr 20th, 2025
आबकारी नीति मामले में अरविंद केजरीवाल को कोर्ट में पेश होने का आदेश, जानें ED ने याचिका में क्या कहा

Court Summons Arvind Kejriwal: दिल्ली की नई आबकारी नीति को लेकर दर्ज किए गए मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को 5 समन भेजे गए. हालांकि, दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल इन समन के बावजूद ईडी के सामने पेश नहीं हुए. आबकारी नीति मामले में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ ईडी ने दिल्ली की एक अदालत में याचिका दाखिल की.

प्रवर्तन निदेशालय की ओर समन दिए जाने के बावजूद पेश न होने के खिलाफ लगी इस याचिका पर राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ फैसला सुनाया है. कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को 17 फरवरी को पेश होने का आदेश दिया है. ईडी की ओर से भेजे गए समन की आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की ओर से गैरकानूनी बताते हुए खारिज किया जा रहा है. 

जानें ईडी ने अपनी याचिका में क्या कहा?

ईडी ने राऊज एवेन्यू कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में अरविंद केजरीवाल के दिल्ली की आबकारी नीति मामले में 5 समन दिए जाने के बावजूद पेश न होने पर सवाल खड़े किए हैं. इस याचिका में ईडी की ओर से कहा गया है कि दिल्ली के सीएम जानबूझकर समन दिए जाने पर भी नहीं आए.

याचिका में कहा गया है कि अगर इतने ऊंचे पद पर बैठे लोग ही समन पर नहीं जाएंगे, कानून का पालन नहीं करेंगे तो इससे गलत मैसेज जाता है. जांच एजेंसी की शिकायत याचिका में कहा गया है कि ED ने इस मामले में अब तक कुल से 14 लोगों को गिरफ्तार किया है. जिसमें संजय सिंह, मनीष सिसोदिया और विजय नायर जैसे लोग हैं.

दिल्ली के सीएम को क्यों दिया समन?

शिकायत याचिका में साफ किया गया है कि आम आदमी पार्टी के संयोजक को आबकारी नीति मामले में क्यों समन भेजे गए हैं. याचिका के अनुसार, ईडी को अपनी जांच आगे बढ़ाने के लिए, प्रोसीड ऑफ क्राइम पता लगाने के लिए, अन्य लोगों की भूमिका पता लगाने के लिए अरविंद केजरीवाल को समन देना जरूरी था.

AAP और उसके नेताओं को पहुंचाया गया फायदा

ईडी ने याचिका में दावा किया है कि शराब नीति में आम आदमी पार्टी और उनके नेताओं को कथित तौर पर फायदा पहुंचाने के लिए आपराधिक षड्यंत्र रचा गया. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और राष्ट्रीय कार्यकारणी कमेटी के सदस्य भी हैं.

अवैध आर्थिक लाभों के बदले दिए गए उपहार

याचिका के अनुसार, दिल्ली की आबकारी नीति 2021-22 बेहद ही गुप्त तरीके से और मुख्य लाभार्थियों की मिलीभगत से किया गया था, जिन्हें अवैध आर्थिक लाभों के बदले में लाभ/उपहार दिए जाने थे.

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